प्रायः यह देखा जा रहा है कि हमलोग पाश्चात्य पहनावा पहनने को अपनी शान समझते हैं लेकिन हमें ये भी नहीं पता की हम टाई क्यूँ पहनते हैं।
यदि आप को ज्ञात हो तो , पश्चिमी देशो में सर्दी अधिक होने के कारण वहां टाई पहनने का प्रचलन है | यदि टाई गले तक सटाकर बंद की हो, तो ठंडी हवा गले तक नहीं पहुँच पाती| संक्षेप में, टाई पहनने का उदेश्य ठण्ड से बचाव है | परन्तु भारत में ये टाई आजकल “status symbol ” बन गयी है | उस वेशभूषा का क्या लाभ , जिसमे आप स्वयं को सहज ही महसूस ना कर रहे हो |
स्कूलों में बिना सोचे समझे कोट और टाई पहनाई जाती है और शायद ही किसी को पता हो की टाई क्यों पहनी जा रही है।
विदेशी लोग तो भारत आकर भारतीय कर कर खुश होते हैं और हम विदेशी वस्त्र पहनकर . आवयश्कता है की हम स्वामी विवेकानंद ,दयानंद सरस्वती और महात्मा गांधी की तरह भारतीय होने का गर्व महसूस करें
यदि आप को ज्ञात हो तो , पश्चिमी देशो में सर्दी अधिक होने के कारण वहां टाई पहनने का प्रचलन है | यदि टाई गले तक सटाकर बंद की हो, तो ठंडी हवा गले तक नहीं पहुँच पाती| संक्षेप में, टाई पहनने का उदेश्य ठण्ड से बचाव है | परन्तु भारत में ये टाई आजकल “status symbol ” बन गयी है | उस वेशभूषा का क्या लाभ , जिसमे आप स्वयं को सहज ही महसूस ना कर रहे हो |
स्कूलों में बिना सोचे समझे कोट और टाई पहनाई जाती है और शायद ही किसी को पता हो की टाई क्यों पहनी जा रही है।
विदेशी लोग तो भारत आकर भारतीय कर कर खुश होते हैं और हम विदेशी वस्त्र पहनकर . आवयश्कता है की हम स्वामी विवेकानंद ,दयानंद सरस्वती और महात्मा गांधी की तरह भारतीय होने का गर्व महसूस करें
किसी भि संस्कृती को अपनाने से पहले उस पर सोचना जरुर चाहिए।
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